अहंकार
अहंकार यानी स्वयं को श्रेष्ठ समझना और दूसरों को तुच्छ। जो लोग सिर्फ मैं या अहं के भाव के साथ जीते हैं, वे जीवन में कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। यदि किसी काम में सफलता मिल भी जाती है तो वह स्थाई नहीं होती है। अहं की भावना व्यक्ति के पतन का कारण बनती है।
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