धर्मेन्द्र के बारे में 10 रोचक जानकारियां

8 दिसम्बर 1935 को पंजाब में जन्मे फिल्म अभिनेता और‍ निर्माता का पूरा नाम है। 

2) धर्मेन्द्र के पिता स्कूल हेडमास्टर थे। 

3) अपने गांव से मीलों दूर धर्मेन्द्र ने एक सिनेमाघर में सुरैया की फिल्म 'दिल्लगी' देखी और इससे वे इतने प्रभावित हुए कि अपना करियर उन्होंने फिल्मों में बनाने का निश्चय किया। 

4) धर्मेन्द्र ने 40 दिनों तक रोजाना 'दिल्लगी' देखी और इस फिल्म देखने के‍ लिए मीलों पैदल चले। 

5) धर्मेन्द्र को जब पता चला कि फिल्मफेअर नामक पत्रिका नई प्रतिभा की खोज कर रही है तो उन्होंने भी फॉर्म भेजा। 
6) ने कही से अभिनय नहीं सीखा था। इसके बावजूद उन्होंने तमाम प्रतिभाशाली लोगों को पीछे छोड़ा और वे इस टैलेंट हंट में चुन लिए गए। 

7) धर्मेन्द्र को लगा कि अब उन्हें फिल्मों में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन ये बातें महज सपना साबित हुईं। उन्हें जम कर संघर्ष करना पड़ा। कई बार सिर्फ चने खाकर बेंच पर सोकर उन्हें रात बितानी पड़ी। 

8) फिल्म निर्माताओं के दफ्तर में चक्कर लगाने के लिए वे मीलों पैदल चलते थे ताकि पैसे बचा सके और उससे कुछ खा सके। 

9) एक बार धर्मेन्द्र के ‍पास भोजन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। थके-हारे वे अपने रूम पहुंचे जहां टेबल पर उनके रूम पार्टनर का ईसबगोल का पैकेट रखा हुआ था। भूख मिटाने के लिए धर्मेन्द्र ने पूरा ईसबगोल खा लिया। सुबह हालत खराब हो गई और डॉक्टर के पास उन्हें ले जाया गया। डॉक्टर ने सारा माजरा सुन कहा कि इन्हें दवा की नहीं भोजन की जरूरत है। 

10) अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे (1960) से धर्मेन्द्र ने अपने करियर की शुरुआत की। हिंगोरानी परिवार का धर्मेन्द्र ने ताउम्र एहसान माना और उनकी कई फिल्मों में काम करने के बदले नाममात्र का पैसा लिया। 

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