उठो, साहसी बनो, बलवान बनो

  • मेरा पथ कितना भी दुर्गम ऊँचा नीचा अगम अपार
  • अपनी राह खोज हीं लूँगा कभी ना मानूँगा मैं हार ( खुद पर विश्वास रखिए )
  • उठो, साहसी बनो, बलवान बनो. सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लो और जान लो कि तुम स्वयं ही अपने भाग्य के निर्माता हो . तुम्हे जो भी बल या सहायता चाहिए वह सब तुम्हारे भीतर हीं मौजूद है . अतः अपने हीं हाथों अपना भविष्य गढ़ डालो .( सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लो )
  • चिरागों को आँखों में महफूज रखना, बड़ी दूर तक रात ही रात होगी . ( हालात चाहे जैसे भी हो अन्तःप्रेरणा के बल पर आगे बढते रहो.
  • हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है , जिस तरफ चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा . ( अपनी खूबियों के द्वारा मंजिल की ओर ले जाने वाले रास्ते बनाते जाइए )
  • एक चिंगारी कहीं से ढूंढ के लाओ दोस्तों , इस दिये में तेल से भींगी हुई बाती तो है .( जब सफर के दौरान लगे कि सब कुछ खत्म हो गया है, तो कमी केवल एक प्रेरणा की होती है जो आपको फिर से उर्जावान बना दे, फिर सब कुछ अच्छा हो जाता है )
  • बला की आंधियाँ आए कि बारिश की हो रिमझिम दिये की लौ हमने फिर ज्यादा कर लिया .( जितनी बड़ी चुनौती सामने आए उसके साथ उतनी ही दृढ़ता से पेश आएँ.

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