काले धन का खुलासा करने वालों की जानकारियां गुप्त रखी जाएंगी: सरकार
सरकार ने आज बताया कि जिन लोगों ने अनुपालन खिड़की (compliance window) के तहत 30 सितंबर से पहले काले धन के बारे में जानकारियां दी हैं उसे गुप्त रखा जाएगा। इस योजना के तहत मिलने वाली जानकारियों को गुप्त रखने संबंधी चिंताओं के बीच सरकार ने आज एक आधिकारिक बयान में कहा कि वैध घोषणा में निहित जानकारी गोपनीय है और उन्हें साझा नहीं किया जाएगा।
इस बयान में कहा गया है कि आयकर आयुक्त, केंद्रीकृत प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरू के नाम पर दर्ज कराई गईं घोषणाओं को क्षेत्राधिकार प्रधान आयुक्त/आयुक्त तक के साथ भी साझा नहीं किया जाएगा। साथ ही इस योजना के तहत किए गए भुगतान को क्षेत्राधिकारी भी नहीं देख पाएगा। सीपीसी द्वारा उपलब्ध कराई गई इस प्रणाली के माध्यम से इस तरह के मामलों के लिए फॉर्म-2 और फॉर्म-4 को जारी किए जाने की आवश्यकता है। ठीक उसी प्रकार क्षेत्राधिकार प्रधान आयुक्त या आयुक्त के नाम पर दर्ज कराई गईं घोषणाओं को क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी समेत विभाग के अंदर या बाहर के किसी भी अधिकारी के साथ भी साझा नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, इस योजना के तहत किए गए भुगतान को न ही 26एएस स्टेटमेंट में परिलक्षित किया जाएगा और न ही इसे ऑनलाइन टैक्स लेखा प्रणाली (ओल्टास) विभाग से असेसिंग ऑफिसर द्वारा इसे देखा जा सकेगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इसी साल लोगों के अपील की थी कि अगर उनके पास काला धन है तो वो 30 सितंबर तक इस संबंध में खुलासा कर दें।
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