दुसरे गृह के प्राणियों को एलियंस कहा ज़ाता है, क्या दुसरे गृह पर भी प्राणी होते है ?
इस ब्रह्माण्ड में जो दुसरे गृह है उन गृह के प्राणियों को एलियंस कहा ज़ाता है. हालांकि ये अपने आप में खुद एक सवाल है कि क्या दुसरे गृह पर भी प्राणी होते है. लेकिन इसको लेकर भिन्न भिन्न लोगों के भिन्न भिन्न मत है. कुछ कहते है कि एलियंस होते है जबकि कुछ कहते है कि एलियंस नहीं होते है. कितना रोचक है ये विषय. एलियंस क़ा अध्ययन तो क्या इस अध्ययन से जुड़ना नहीं चाहेंगे? तो चलिए आइये देखते हैं एलिएंस कि रिसर्च से जुडी कुछ खबरों को-
कुछ समय पहले अमेरिकी अनुसंधान संस्थान के एक वैज्ञानिक ने ये दावा किया था कि एलियंस होते हैं. असल में उन्हें एलियंस से सम्बंधित रिसर्च में कहा है कि एलियंस एक तरह क़ा बक्टीरिया क़ा जीवाश्म है जो कई वर्षो पूर्व अन्तरिक्ष से प्रथ्वी पर गिरे उल्कापिंडो में पाया गया था.
नासा के मार्शल स्पेस फ्लाईट सेंटर के वैज्ञानिक डॉक्टर "रिचर्ड हूवर" ने इस दुनिया में पाए गये उल्कापिंडो पर एक शोध कार्य किया, जिसमें उन्होंने पाया कि एलियंस होते हैं. उन्होंने ये दावा "साइबेरिया और आलास्का" में पाए गये उल्कापिंडो के असाधारण नमूनों पर शोध कार्य करने के बाद किये जिससे कहीं ना कहीं ये सिद्ध होता है कि प्रथ्वी से परे भी जीवन है.
एलियंस के अस्तित्व की धारणा को और मजबूत बनाने के लिए अब वैज्ञानिको ने इस खोज को और सरल बनाने के लिए आम आदमी को इससे जोड़ने की पहल की है. जिसमें आम आदमी एलियंस के बारे में अपने विचार, अपनी जिन्दगी में घटी कुछ अजीब और असामान्य घटनाओं के बारे इस शोध से जुड़े वैज्ञानिको को बाते सकते है. इसलिए एलियंस कि खोज के लिए वैज्ञानिको ने एक वेबसाइट को लॉंच किया है जिसका एड्रेस है www.setilive.org
अमेरिका के शहर लॉस एंजेल्स में TED (टेक्नोलोजी, इंटरटेनमेंट और डिज़ाइन) कॉंफ़्रेंस के दौरान इस वेबसाइट लॉंच किया गया है. वैज्ञानिको SETI वर्ड क़ा प्रयोग किया है जिसकी मतलब है "सर्च फॉर एक्सट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस". ये वेबसाइट सेटी एलेन टेलिस्कोप के द्वारा संचारित रेडियो तरंगों को सीधे प्रसारित करेगी और जो भी लोग .इसमें भाग लेंगे उनको कहा जाएगा कि कहा जाएगा कि अगर उन्हें कोई भी असामान्य गतिविधि दिखाई दे तो वे फ़ौरन इसकी जानकारी वैज्ञानिको को दे. इस बारे में वैज्ञानिको क़ा ये मानना है कि कभी कभी इंसानों का दिमाग़ उन चीज़ो को भी देख सकता है जो कि शायद कोई स्वचालित मशीन भी नहीं देख पाए.
जिलियन टार्टर इस योजना की प्रमुख कार्यकर्ता हैं डॉक्टर जिलियन टार्टर को 2009 में TED एवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. डॉक्टर टार्टर के बारे में बताया ज़ाता है कि उन्होने अपना पूरा करियर एलियन की खोज में लगा दिया है और उनका कहना है कि इस वेबसाइट के लॉच होने से एलियन की खोज में जुटे वैज्ञानिकों और दूसरे विशेषज्ञों को एक साथ आने का मौक़ा मिलेगा और साथ ही साथ आम आदमी के विचारों को जाने क़ा भी मौका मिलेगा जिसे एलियंस रिसर्च को और भी सरल बनाया जा सकेगा. क्योंकि उनका ये मानना है कि जायदा से जायदा वैग्यांकियो और व्यक्तियों के इस रीसर्च से जुड़ने पर उन तरंगों का अध्ययन करना आसान हो जाएगा जिन पर अब तक ध्यान नहीं गया. इस अध्ययन से कुछ ना कुछ तो एलियंस के बारे में जरूर नया मिलेगा. अब आगे देखते है कि कहा तक जाती है एलियनस के बारे में ये खोज.
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