जिंदगी की रेस में

  • वक्त के साथ बदलने वाला व्यक्ति हीं जिंदगी की रेस में दूसरों से आगे निकल पाता है. वरना आज के दौर में व्यक्ति कब Out Of Dated हो जाता है, खुद उसे भी पता नहीं चलता है.
    → याद रखिए खुद को बदलने का मतलब अच्छाइयों से नाता तोड़ लेना नहीं होता है.
  • जैसे-जैसे आपकी सफलता का ग्राफ बढ़ता जाता है, आपके आलोचक भी बढ़ते जाते हैं. हर आलोचना को ध्यान से सुनें, अगर आलोचना सही है, तो खुद की कमी दूर करें. लेकिन अगर आलोचना आधारहीन है, तो सामने वाले व्यक्ति को Ignore करें. आलोचकों की सबसे बड़ी खूबी ये होती है कि वो Free में आपको आपकी कमजोरी बता देते हैं.
    → अपने आलोचकों को बोलकर नहीं, बल्कि काम करके जवाब देना चाहिए.

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