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Showing posts from August, 2016

ऐसा काम भूल कर भी नहीं करना चाहिए।

हमें सामाजिक दायरों में रहते हुए ही किसी का मजाक उड़ाना चाहिए। जिस मजाक से किसी का अपमान हो या उसे दुख पहुंचे, ऐसा काम भूल कर भी नहीं करना चाहिए। मनु स्मृति में बताया गया है कि हमें किन लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। ये 7 लोग इस प्रकार हैं- श्लोक हीनांगनतिरिक्तांगन्विद्याहीनान्वयोधिकान्। रूपद्रव्यविहीनांश्च जातिहीनांश्च नाक्षिपेत्। अर्थ- इन लोगों पर व्यंग्य (मजाक) नहीं करना चाहिए, 1. जो हीन अंग वाले हों (जैसे- अंधा, काना, लूला-लंगड़ा आदि), 2. अधिक अंग वाले हों (जैसे पांच से अधिक अंगुलियों वाले), 3. अशिक्षित, 4. आयु में बड़े, 5. कुरूप, 6. गरीब या 7. छोटी जाति के हों।

15 लोग ऐसे बताए गए हैं, जिनसे कभी विवाद नहीं करना चाहिए।

कुछ लोग होते हैं जो छोटी-छोटी बातों पर किसी से भी विवाद कर लेते हैं। वह ऐसा जान-बूझकर नहीं करते बल्कि उनका स्वभाव ही ऐसा होता है। मनु स्मृति के अनुसार 15 लोग ऐसे बताए गए हैं, जिनसे कभी विवाद नहीं करना चाहिए। ये 15 लोग इस प्रकार हैं श्लोक ऋत्विक्पुरोहिताचार्यैर्मातुलातिथिसंश्रितैः। बालवृद्धातुरैर्वैधैर्ज्ञातिसम्बन्धिबांन्धवैः।। मातापितृभ्यां यामीभिर्भ्रात्रा पुत्रेण भार्यया। दुहित्रा दासवर्गेण विवादं न समाचरेत्।। अथार्त- 1. यज्ञ करने वाले, 2. पुरोहित, 3. आचार्य, 4. अतिथियों, 5. माता, 6. पिता, 7. मामा आदि संबंधियों, 8. भाई, 9. बहन, 10. पुत्र, 11. पुत्री, 12. पत्नी, 13. पुत्रवधू, 14. दामाद तथा 15. गृह सेवकों यानी नौकरों से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए।

7 बातें हमेशा गुप्त रखनी चाहिए

यदि किसी वजह से हमें अपमान का सामना करना पड़ा हो तो इस बात को गुप्त रखना फायदेमंद होता है। यदि दूसरों को यह मालूम होगा की हमें अपमान का सामना करना पड़ा है तो लोग हमारा मजाक बना सकते हैं। आज के समय में धन को किसी भी व्यक्ति की शक्ति का पैमाना माना जाता है। अधिकांश परिस्थितियों में धन के आधार पर ही रिश्ते निभाए जाते हैं और मित्रता की जाती है। अत: यदि हमें कभी भी धन हानि का सामना करना पड़े तो इस बात को गुप्त रखना चाहिए। धन हानि की बात दूसरों को बता दी जाएगी तो कई लोग हमसे दूरियां बढ़ा लेंगे। धन हानि से उबरने के लिए धन की आवश्यकता होती है, इस बात के जाहिर होने पर कोई धन की मदद भी नहीं करेगा। साथ ही, यदि हमारे पास बहुत सारा धन है तो इस बात को भी गुप्त रखना चाहिए। गुरु द्वारा दिए गए मंत्र को गुप्त रखना चाहिए। गुरु मंत्र, तब ही सिद्ध होते हैं, जब इन्हें गुप्त रखा जाता है। मंत्रों को गुप्त रखने पर जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। अधिकांश परिवारों में वाद-विवाद होते रहते हैं, ये बहुत ही आम बात है, लेकिन आपसी झगड़े घर के बाहर किसी को भी नहीं बताने चाहिए। ऐसा करने पर समाज में परिवार की प्रतिष्ठ...

गुड़ खाने के लाभ

1 पेट की समस्या -  जी हां गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने के एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बेहद लाभदायक है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है। 2 सर्दी होने पर  -  सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग आपके लिए अमृत के समान होगा। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से आपको राहत देने में मदद करेगा। इसके लिए दूध या चाय में गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है, और आप इसका काढ़ा भी बनाकर ले सकते हैं। 3    गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर, इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी काफी बेहतर हो जाती है।   4   जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

व्यक्ति ज्ञान

प्रत्येक वह व्यक्ति ज्ञान योगी है जो सोचना सीख गया है।  विचार  तो सबके भीतर होते हैं, लेकिन उन विचारों को एक दिशा देना हर किसी के बस की बात नहीं। दूसरी बात कि आपके भीतर विचार कौन से हैं? क्या कचरा किताबों के विचार? खुद के विचार या उधार के विचार? सोचता तो हर कोई है, लेकिन जो नए ढंग से सोचकर उसे कार्य रूप में परिणित कर देता है, विजेता वही कहलाता है। ज्ञान  योग  को हम संसार का प्रथम योग मान सकते हैं। संपूर्ण धर्म, दर्शन, विज्ञान, समाज, नीति-नियम आदि की बातें ज्ञान योग का ही अविष्कार है। ज्ञान योग नहीं होता तो अन्य योग भी नहीं होते। धरती पर आज जितना भी विकास और विध्वंस हुआ है और हो रहा है वह ज्ञान का ही परिणाम है। अच्छा ज्ञान अच्छा करेगा और बुरा ज्ञान बुरा। यम, नियम, आसन, प्राणायाम आदि को छोड़कर व्यक्ति स्वयं के ज्ञान के बल पर ही सब कुछ पा सकता है। ज्ञान से ही व्यक्ति सफल और असफल होता है। योग में कहा भी कहा है कि व्यक्ति को दुखों से ज्ञान ही बचाता है और दुख में ज्ञान ही डालता है। इसीलिए विज्ञान मस्तिष्क की शक्ति को मानता है। मस्तिष्क की गति हजारों सुपरकंप्यूटर्स से भी त...

व्यक्ति का ज्ञान

प्रत्येक वह व्यक्ति ज्ञान योगी है जो सोचना सीख गया है।  विचार  तो सबके भीतर होते हैं, लेकिन उन विचारों को एक दिशा देना हर किसी के बस की बात नहीं। दूसरी बात कि आपके भीतर विचार कौन से हैं? क्या कचरा किताबों के विचार? खुद के विचार या उधार के विचार? सोचता तो हर कोई है, लेकिन जो नए ढंग से सोचकर उसे कार्य रूप में परिणित कर देता है, विजेता वही कहलाता है। ज्ञान  योग  को हम संसार का प्रथम योग मान सकते हैं। संपूर्ण धर्म, दर्शन, विज्ञान, समाज, नीति-नियम आदि की बातें ज्ञान योग का ही अविष्कार है। ज्ञान योग नहीं होता तो अन्य योग भी नहीं होते। धरती पर आज जितना भी विकास और विध्वंस हुआ है और हो रहा है वह ज्ञान का ही परिणाम है। अच्छा ज्ञान अच्छा करेगा और बुरा ज्ञान बुरा। यम, नियम, आसन, प्राणायाम आदि को छोड़कर व्यक्ति स्वयं के ज्ञान के बल पर ही सब कुछ पा सकता है। ज्ञान से ही व्यक्ति सफल और असफल होता है। योग में कहा भी कहा है कि व्यक्ति को दुखों से ज्ञान ही बचाता है और दुख में ज्ञान ही डालता है। इसीलिए विज्ञान मस्तिष्क की शक्ति को मानता है। मस्तिष्क की गति हजारों सुपरकंप्यूटर्स से भी त...

बड़ी हैरानी होगी आपको यह जानकार.

आपको यह जानकार बड़ी हैरानी होगी लेकिन पेड़ वास्तव में हवा में विकसित होते हैं, जमीन पर नहीं. यद्यपि वे जमीन में से कुछ खनिज प्राप्त करते हैं और हवा से कार्बन डाइऑक्साइड और सूरज की मदद से ऑक्सीजन को बाहर छोड़ते हैं. यह कार्बन पानी के साथ मिलकर पेड़ों के अंग बनाता हैं. अगर आप की उम्र अभी 18 साल हैं, तो आपके पास आपकी ज़िन्दगी के 3200-3500 वीकेंड्स बचे हैं. मतलब की औसतन 57 गर्मियों के सीजन. जिंदगी में कुछ चीज़े ज्यादा हैरान करनेवाली होती हैं, जैसे की क्या आप जानते हैं की ज्यादातर आल्कोहोलिक ड्रिंक्स के अन्दर सभी 13 जरुरी खनिज पदार्थ होते हैं जो की मानव जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं. दुनिया की आबादी के लगभग एक प्रतिशत लोग अभी इस वक़्त नशे में हैं और हो सकता है आप भी उनमें से एक हो. एक आम इन्सान अपने पूरे जीवनकाल के दौरान जितना चलता हैं उतने से वह पृथ्वी के तीन चक्कर लगा सकता हैं. और क्या आप यह जानते हैं की apple कंपनी का iPhone दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा बिकनेवाला प्रोडक्ट हैं. पहले नंबर का सबसे ज्यादा बिकनेवाला प्रोडक्ट हैं Rubik’s Cube. और यह Rubik’s Cube जिस...

इस जीवन में ज़िंदगी और ज़िंदगी मैं कौन हूँ

इस जीवन में ज़िंदगी जीने के अलावा भी बहुत कुछ है। यों ही जीवन जीने के अलावा भी इसमें बहुत कुछ होना चाहिए।  जीवन का कोई ऊँचा हेतु होना चाहिए। जीवन का हेतु इस प्रश्न के सही जवाब तक पहुँचना है कि ' मैं कौन हूँ?  '  यह प्रश्न कितने ही जन्मों से निरुत्तर है। ' मैं कौन हूँ ? ' की इस खोज में बाकी बची कड़ियाँ मिलती हैं। मैं कौन हूँ?  मैं क्या नहीं हूँ?  आत्मा क्या है ? क्या मेरा है? क्या मेरा नहीं है? बंधन क्या है ?  मोक्ष क्या है ?  क्या भगवान हैं?  भगवान क्या हैं?  जगत कर्ता कौन है? क्या भगवान कर्ता हैं या नहीं? भगवान का सच्चा स्वरूप क्या है ? इस संसार के सच्चे कर्ता का स्वभाव क्या है?  यह जगत कौन चलाता है?  यह किस तरह से काम करता है ? माया का सच्चा स्वरूप क्या है? जो कुछ भी हम जानते हैं, वह सच है या भ्रांति? जो कुछ भी ज्ञान हमारे पास है, उससे क्या हमारी मुक्ति होगी या बंधन ही रहेगा? मुझे आज लोग भोला कहते हैं। भोला मेरा एक नाम हैं। लेकिन जब प्रसव हुआ तब मेरा कोई नाम नहीं था। लेकिन तब भी मेरा अस्तित्व था। मेरे घर वालों ने थो...

दुसरे गृह के प्राणियों को एलियंस कहा ज़ाता है, क्या दुसरे गृह पर भी प्राणी होते है ?

इस ब्रह्माण्ड में जो दुसरे गृह है उन गृह के प्राणियों को एलियंस कहा ज़ाता है. हालांकि ये अपने आप में खुद एक सवाल है कि क्या दुसरे गृह पर भी प्राणी होते है. लेकिन इसको लेकर भिन्न भिन्न लोगों के भिन्न भिन्न मत है. कुछ कहते है कि एलियंस होते है जबकि कुछ कहते है कि एलियंस नहीं होते है. कितना रोचक है ये विषय. एलियंस क़ा अध्ययन तो क्या इस अध्ययन से जुड़ना नहीं चाहेंगे? तो चलिए आइये देखते हैं एलिएंस कि रिसर्च से जुडी कुछ खबरों को- कुछ समय पहले अमेरिकी अनुसंधान संस्थान के एक वैज्ञानिक ने ये दावा किया था कि एलियंस होते हैं. असल में उन्हें एलियंस से सम्बंधित रिसर्च में कहा है कि एलियंस एक तरह क़ा बक्टीरिया क़ा जीवाश्म है जो कई वर्षो पूर्व अन्तरिक्ष से प्रथ्वी पर गिरे उल्कापिंडो में पाया गया था.  नासा के मार्शल स्पेस फ्लाईट सेंटर के वैज्ञानिक डॉक्टर "रिचर्ड हूवर" ने इस दुनिया में पाए गये उल्कापिंडो पर एक शोध कार्य किया, जिसमें उन्होंने पाया कि एलियंस होते हैं. उन्होंने ये दावा "साइबेरिया और आलास्का" में पाए गये उल्कापिंडो के असाधारण नमूनों पर शोध कार्य करने के बाद कि...

मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट की दुनिया

मोबाइल फ़ोन  और इंटरनेट की दुनिया ने आज हमारे लाइफ स्टाइल को बदल कर रख  दिया है ।  आज हम हर तरफ से मोबाइल, इंटरनेट से घिरे हुए हैं, सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने तो मानो जैसे हमको पूरी तरह से अपने वश में कर लिया हो. खासकर की युवा वर्ग के छात्र-छात्राएं तो 24 घंटे में 16-16 घंटो तक या तो इन साइट्स पर ऑनलाइन रहते हैं या फिर दिन रात मोबाइल फ़ोन पर लगे रहते हैं ।  रास्ते में चलते-चलते भी उनके हाथों की उंगलियां मोबाइल फ़ोन के कीपैड पर ही रहती हैं. मोबाइल फ़ोन भी सोचता होगा कमवख्त किसके हाथो  में आ गया कभी आराम ही नहीं लेने देता. कुछ यूं कह लीजिये की इस मोबाइल फ़ोन, फेसबुक और इंटरनेट पर हमारी एक अलग ही दुनिया है, एक ऐसे लोगों की दुनिया जिनसे हम कभी मिले भी नहीं होते, दुनिया के किसी  भी कोने में रहने वाला आदमी हमारा दोस्त बन जाता है, जबकि हमको अपनी वास्तविक दुनिया के बारे में कुछ खबर  नहीं होती।  हमारे पास इतना समय भी नहीं होता कि अपने आसपास में रहने वाले लोगो के सुख-दुःख में शरीक हो. लेकिन अगर हम अपने अंदर झांककर देखें, खुद के बारे में थोड़ा विश्लेषण करें त...

स्वामी विवेकानन्द जी

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स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. विवेकानन्द के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था, वे कलकत्ता हाईकोर्ट के प्रसिद्ध वकील थे. उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था. उनके बचपन का नाम नरेन्द्र था. उनके पिता और माँ के धार्मिक और प्रगतिशील सोच ने विवेकानन्द पर गहरा प्रभाव डाला. बचपन से हीं नरेन्द्र बहुत बुद्धिमान थे, वे बहुत नटखट भी थे. सन् 1871 में,उन्होंने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया जहाँ वे स्कूल गए. वे एकमात्र छात्र थे जिन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक पाए. वे दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला, साहित्य रूचि लेकर पढ़ते थे. उन्होंने वेद, उपनिषद, भगवद् गीता, रामायण, महाभारत, पुराणों और अन्य दूसरे हिन्दू शास्त्रों का भी गहन अध्ययन किया था. उन्होंने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली थी. वे नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करते थे और खेलों में भाग लेते थे. नरेंद्र ने पश्चिमी तर्क, पश्चिमी दर्शन और यूरोपीय इतिहास का अध्ययन जनरल असेंबली इंस्टिटूशन (अब स्कॉटिश चर्च कॉलेज) में किया. 1881 म...

फुल फॉर्म हिंदी में & Full Form in English

Short  Form Full Form in English फुल फॉर्म हिंदी में LLB (एलएलबी) Bachelor of Laws कानून / विधि में स्नातक UAE (यूऐई) United Arab Emirates संयुक्त अरब अमीरात Computer (कंप्यूटर) Computer संगणक NGO ( एनजीओ) Non-governmental organization गैर सरकारी संगठन ATM (एटीएम) Automated teller machine स्वचालित गणक मशीन ICU (आईसीयू) Intensive Care Unit गहन चिकित्सा विभाग SDM (एसडीएम) Sub-Divisional Magistrate उप प्रभागीय न्यायाधीश / मजिस्ट्रेट EMI (ईएमआई) Equated Monthly Installment मासिक किस्त ITI (आईटीआई) Industrial training institute औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान KFC (केएफसी) Kentucky Fried Chicken केंटकी फ्राइड चिकन BMW (बीएमडब्ल्यू) Bavarian Motor Works बावेरियन मोटर वर्क्स NRI (एनआरई) Non Resident Indian अप्रवासी भारतीय BBA (बीबीए) Bachelor of Business Administration व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक CBI (सीबीआई) Central Bureau of Investigation केंद्रीय जांच ब्यूरो CEO (सीईओ) Chief Executive Officer मुख्य कार्यकारी अधिकारी NCR (एनसीआर) National Capital Region राष्ट्रीय राजधान...